मै तुझको ही भुलाता हूं , तुझी को याद करता हूं.......
मै तुझको ही भुलाता हूं ....
मै तुझको ही भुलाता हूं ,
तुझी को याद करता हूं ।
अगर तेरी इजाज़त हो ,
तो फिर आगाज़ करता हूं ,
भले ख़ुद को ना जानो तुम ,
मुझे बस जान लो ' जाना ' ।
मै तुमको ख़ुद में जानूंगा ,
यही बस मान लो ' जाना। ' ।
सपन में तेरा आना भी ,
मुझे अब रास आता है ।
नहीं भाता मुझे बिल्कुल,
तेरा आकर चले जाना ।
मै तुझको ही भुलाता हूं ,
तुझी को याद करता हूं ।
अगर तेरी इजाज़त हो ,
तो फिर आगाज़ करता हूं ,
तुम्हारे दिल की हद ,
तो अब ,हमारे कद से ऊंची है,
अगर चाहो की तुम देखो?,
कभी दिल - द्वार तुम आना।
यहां मै भ्रमर , कुमुदिनी पर,
विहंगम नृत्य करता हूं,
तेरी उस प्रेम की खुशबू ,
पे जीता और मरता हूं।
मै तुझको ही भुलाता हूं ,
तुझी को याद करता हूं ।
अगर तेरी इजाज़त हो ,
तो फिर आगाज़ करता हूं ,
ज़रा सुन लो ,रज़ा आख़िर ,
मै तेरा प्यार हो जाऊं।
तू मेरा यार हो जाए ,
मै तेरा यार हो जाऊं।।
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