Dedicated To All Parents Of The World.-"नमन".
ओ रे चंचल रे मन
कर ले थोड़ा मनन,
हो जा मदमस्त तू
कर ले उनको नमन,
जिनसे है तेरी दुनिया
जिनसे तेरा ये जीवन...।
जिनसे है बचपन पला
जिनसे तू है सक्षम,
उनका आशीष तुझपे
उनका तू है दर्पन ।।
ओ रे चंचल रे मन
कर ले थोड़ा मनन,
हो जा मदमस्त तू
कर ले उनको नमन,
जिनसे है तेरी दुनिया
जिनसे तेरा ये जीवन...।
पहला निवाला उनका
तुझपे है अर्पन,
उनको है तेरी चिंता
तुझपे कुर्बां ये जीवन.
तू है उनकी रोशनी
कर दें उनको भी रोशन,
वो मां-बाप है तेरे
उनपे सब करदे तू अर्पन .।
ओ रे चंचल रे मन
कर ले थोड़ा मनन,
हो जा मदमस्त तू
कर ले उनको नमन,
जिनसे है तेरी दुनिया
जिनसे तेरा ये जीवन...।
वे ही तेरे खुदा हैं
वे ही तेरे ईश्वर,
वे ही तेरे ब्रह्मा-विष्णु
वे ही जगदीश्वर.
वे ही चाहते तेरा भला
कामना करते वे हर पल,
'बढ़ता रहे तू आगे
ना रुके तू एक भी पल'.
भटके ना अब तू
बस कर ले चिंतन ,
चरणों में उनके
सारे धामों का दर्शन.
खुशियां लुटा उनपे
सब कर दे तू अर्पन,
'जी भर के जी ले संग'
'जी भर के जी ले संग'
जब तक है जीवन ..।
ओ रे चंचल रे मन
कर ले थोड़ा मनन,
हो जा मदमस्त तू
कर ले उनको नमन,
जिनसे है तेरी दुनिया
जिनसे तेरा ये जीवन...।
अतिसुन्दर प्रस्तुति !!!
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....