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Dedicated To All Parents Of The World.-"नमन".

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" उम्मीद "

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' उम्मीद '  -'किसी वस्तु, विचार,भाव आदि को भविष्य मे              पाने या दृष्टिगोचर होने को उम्मीद कहते हैं ।' इससे मस्तिष्क ऊर्जावान होता है।   उम्मीदों से अंधेरों में भी , उजाले नजर आते हैं.  उम्मीद रखने वाले अकेले हो कर भी                       खुद में सं वर जाते हैं  . रुखसत होते हैं दुख उनसे ,  वे खुशियों के गीत गाते हैं . गमों से अनजान होते हैं वो, परिस्थितियों से जूझ जाते हैं . आकांछाओं से हार कर के भी , वे उनसे सीख जाते हैं . हार-जीत ,प्रशंसा -आलोचना  कुछ भी मिले उनको,  वे फिर भी मुस्कुराते हैं.... SO PLEASE BE POSITIVE & HOPEFUL AT EVERY STEP Of LIFE....

Dedicated to B.R.Ambedkar

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                Dedicated to B.R.Ambedka r . नमन करें उस महापुरुष को, ज्ञान जिसका भगवान था.. देश का गौरव,देश का चिंतक, ऐसी अमिट पहचान था. नमन करें उस महापुरुष को, जीवन जिसका परहित पर कुरबान था. शोषित था दलित,शोषक था कुलीन, किसी को न थी चिंता , सब अहं मे थे लीन. एक वह ही था  जिसे दलितों से अटूट प्यार था, न शोषक,न शोषित हो समाज मे उसे समानता का इंतजार था. पढ़ा देश-परदेश,  उसे खुद को ज्ञानी बनाना था, हकहन्तः कुलीनों को ज्ञान से थप्पड़ लगाना था. नमन करें उस दिव्य पुरुष को, जो ज्ञान का भंडार था. "सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय",  जिसका ऐसा विचार था. वह चला ज्ञान की राह पर, उसे दलितों को ऊपर उठाना था. उनकी हालत थी बद्  से बदतर, क्योंकि दलित विरोधी जमाना था. भानु-रश्मि सी छटा थी जिसकी, आलोकित दलित-समाज था. भारत का अब्राहम लिंकन था , उसी से स्वर्णिम आज था . दलितों की आशा ,मुकद्दर था उनका, वह ही उनकी पहचान था. होने का उसका फक्र था सबको क्योंकि वह अद्वितीय इन्सान था. नमन करें उस महापुरुष को , ज्ञान जिसका भगवान था........