माँ ...
माँ.... मां जब भी देखती है उदास तुम्हें , वो वजह ढूंढने की कोशिश बार -बार करती है, शायद महशूस किया हो तुमने वो उस पल तुम्हारी मुस्कुराहट के लिए बेकरार होती है .। उसकी बेकरारी उस पल, यूं ही नही होती . वो चाहे खुदा से , तेरी मुस्कुराहट की सलामती मुझे देता हर गम ,बदले में मैं रो लेती .। मां की ममता अनमोल धरोहर है यारों पल भर में सारे कष्ट है हर लेती कोटिशों बार 'सिजदा' करता है मेरा मन कदमों में गिरा देख , वो मुझे गले से लगा लेती .।। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~