Dedicated to B.R.Ambedkar

               
नमन करें उस महापुरुष को,
ज्ञान जिसका भगवान था..
देश का गौरव,देश का चिंतक,
ऐसी अमिट पहचान था.
नमन करें उस महापुरुष को,
जीवन जिसका परहित पर कुरबान था.
शोषित था दलित,शोषक था कुलीन,
किसी को न थी चिंता ,
सब अहं मे थे लीन.
एक वह ही था
 जिसे दलितों से अटूट प्यार था,
न शोषक,न शोषित हो समाज मे
उसे समानता का इंतजार था.
पढ़ा देश-परदेश,
 उसे खुद को ज्ञानी बनाना था,
हकहन्तः कुलीनों को
ज्ञान से थप्पड़ लगाना था.
नमन करें उस दिव्य पुरुष को,
जो ज्ञान का भंडार था.
"सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय",
 जिसका ऐसा विचार था.
वह चला ज्ञान की राह पर,
उसे दलितों को ऊपर उठाना था.
उनकी हालत थी बद्  से बदतर,
क्योंकि दलित विरोधी जमाना था.
भानु-रश्मि सी छटा थी जिसकी,
आलोकित दलित-समाज था.
भारत का अब्राहम लिंकन था ,
उसी से स्वर्णिम आज था .
दलितों की आशा ,मुकद्दर था उनका,
वह ही उनकी पहचान था.
होने का उसका फक्र था सबको
क्योंकि वह अद्वितीय इन्सान था.
नमन करें उस महापुरुष को ,
ज्ञान जिसका भगवान था...........।
ऋणी रहेगा समाज हमारा ,
उसके प्रदत्त अधिकारों का .।
ऋणी रहेगा देश हमारा,
उसके अमूल्य उपकारों का .।
आदर्श था जीवन उसका , 
वह प्रभु की कृति महान था.।
स्वहित से परे,समर्पित राष्ट्र को, 
वह स्वयं का भगवान था.।
नमन करें उस महापुरुष को,
नाम जिसका B.R.Ambedkar महान था.।
नमन करें उस महापुरुष को,
जो महान-महान- महान था.।।

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